आप भी प्राप्त कर सकते हैं निःशुल्क शक्तिजल

जो निराश लोगों में प्राण फूँके, असाध्य रोगों को दूर करे


यह अभिमंत्रित ‘शक्तिजल’ जन-जन के कल्याण के लिए तैयार करने हेतु देश की पवित्र नदियों एवं सरोवरों का पवित्र जल मंगाकर ग्यारह दिन माता भगवती के चरणों में स्थापित किया जाता है, इसे परम पूज्य अवतारी युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा महाशक्तियज्ञों की पूर्णता पर सिद्धाग्नि के समक्ष बैठकर माता आदिशक्ति जगज्जननी भगवती दुर्गा जी के विशिष्ट मंत्रों से अभिमंत्रित करके अनेक साधनात्मक क्रियाओं एवं पूर्ण ध्यानयोग के माध्यम से तैयार किया जाता है और निःस्वार्थ भाव से जन-जन में निःशुल्क बंटवाया जाता है। इसका प्रभाव इतना व्यापक है, जो वर्णन करना कठिन है।

‘शक्तिजल’ का प्रभाव

           ‘शक्तिजल’ का प्रयोग मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी है। इसकी कुछ बूंदें ही सादा जल में मिलाकर नित्य पीने से मनुष्य में चेतनात्मक विकास होता है तथा उसके अन्दर छिपे असुरत्व का नाश होता है। यह ‘शक्तिजल’ सभी प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सहायक है। किसी भी प्रकार का तांत्रिक प्रभाव या भूत-प्रेतबाधा इसे ग्रहण करने से ठीक हो जाते हैं। यदि दुर्घटनाग्रस्त किसी व्यक्ति की मृत्यु न हुई हो और उस अवस्था में उसे ‘शक्तिजल’ पिला दिया जाय, तो उसकी चेतना लुप्त नहीं होने पाती एवं वह मृत्यु से भी बच सकता है।
           यदि छोटे बच्चों को नजर या जादू-टोना लगा हो, तो ‘शक्तिजल’ पिलाने से तुरंत ठीक होता है। किसी प्रकार की मानसिक उलझन हो, तो उस समय इसका पान करने से मानसिक उलझन तुरंत ठीक होती है।
           किसी के ऊपर किसी का सम्मोहन हो, तो ‘शक्तिजल’ पीने से सम्मोहन टूट जाता है। यह बल-बुद्धि बढ़ाने में सहायक है तथा यह जीवनरक्षक है। इस जल का सबसे अधिक लाभ व्यक्ति के पूर्ण श्रद्धा व भावना से ग्रहण करने पर होता है। इससे उसकी आंतरिक चेतना जागृत होती है, आत्मा का निखार होता है व मानसिक विकास होता है।
           इस ‘शक्तिजल’ का प्रभाव इतना है कि इसकी एक-दो बूंद सादे जल में मिलाकर घर के सभी सदस्यों को पिलाया जा सकता है। सभी को समान रूप से लाभ देता है। इसमें मात्र गंगाजल या नर्मदाजल में ही डालकर बढ़ाया जा सकता है। इसे छिड़कने के काम में न लायें, अपितु सिर्फ पीने उपयोग में ही लें। अब तक इससे समाज के लाखों लोगों ने लाभ प्राप्त किया है। इस ‘शक्तिजल’ को जन-जन में निःशुल्क बंटवाया जा रहा है।
           नोट- इस ‘शक्तिजल’ का उपयोग यदि किसी बड़ी बीमारी में करना हो, तो नित्य दिन में दो या तीन बार लगातार कम से कम इक्तालीस दिनों तक सेवन करने से लाभ होता है। इस ‘शक्तिजल’ को पूर्ण श्रद्धा व भावना से उपयोग करने पर लाभ अवश्य होता है।
           यह ‘शक्तिजल’ अध्यात्मिक भावना से जुड़ा हुआ है। यह आपकी भावना के आधार पर लाभ प्रदान करता है। यदि विशेष तकलीफ हो, तो सुविधानुसार मेडिकल चेकअप अवश्य करा लें।


शक्तिजल प्राप्त करने के स्थान

केन्द्रीय कार्यालय- भगवती मानव कल्याण संगठन/ पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम
पोस्ट- मऊ, तहसील- ब्यौहारी, जिला-शहडोल (म.प्र.)

शक्ति चेतना जनजागरण शिविर
(जन-जन में ‘माँ’ की चेतना जाग्रत् करने हेतु आयोजित होने वाले शिविरों में निःशुल्क ‘शक्तिजल’ प्राप्त करें।)

संगठन से जुड़े किसी भी सदस्य, कार्यकर्ता तथा जिलों व तहसीलों में होने वाली मासिक महाआरती के माध्यम से निःशुल्क शक्तिजल प्राप्त किया जा सकता है।

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