पूर्व के भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों के केन्द्र बिन्दु

प्रकृति के रहस्य अभेदनीय हैं, अथाह हैं और इन्हीं रहस्यों को जानने व समझने के लिए हमारे पूर्वज ऋषियों-मुनियों ने हजारों वर्षों तक तपस्या करके, शोध करके, प्रकृति से एकाकार करके, समाज के लिए अनेक क्षेत्रों का ज्ञान प्रदान किया है, जिस पर चलकर समाज भी स्वयं को प्रकृति से एकाकार कर सके। प्रकृति के उन्हीं अति महत्वपूर्ण रहस्यों में भविष्यदर्शन प्रकृति के कालचक्र का ऐसा पहलू है, जिसे सामान्य मानव स्पर्श भी नहीं कर सकता। उन्हीं ऋषियों-मुनियों द्वारा प्रदत्त ज्ञान मार्ग, ज्योतिष गणना, अंतरंग योग व दैवीय साधना के द्वारा हम भविष्य के हर रहस्य का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
प्रत्येक काल में समाज के बीच अनेकों ऐसे महापुरुष हुए हैं, जो अपनी अतीन्द्रिय क्षमता को जाग्रत् करके या ज्योतिष गणना तथा देवी-देवताओ की साधना करके समाज के बीच महान् भविष्यवक्ता के रूप में स्थापित हुए व पूर्ण ख्याति प्राप्त की। उन्हीं महान् भविष्यवक्ताओं के द्वारा वर्तमान समय से लेकर हजारों वर्ष पूर्व तक के अनेक भविष्यवक्ताओं ने भारतवर्ष में इस कलियुग की भयावहता नष्ट करके, सतयुग की नींव डालने वाले युग चेतना पुरुष के जन्म के विषय में भविष्यवाणियां की हैं, जिन्हें आप भी पढ़ें और समझें।

  1. अमेरिका की विश्वविख्यात महिला जीन डिक्सन ने अपनी भविष्यवाणी में एक महत्त्वपूर्ण बात कही है कि ‘‘भारत के एक ग्रामीण किसान ब्राह्मण परिवार में ऐसे व्यक्ति का जन्म होगा, जो अपने कार्यों से पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा तथा समाज का मार्गदर्शन करेगा। उसका जन्म गांधी जी की मृत्यु के बाद होगा।‘‘
  2. इस शताब्दी के महानतम भविष्यवक्ता पीटर हरकौस ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि ‘‘भारत में आध्यात्मिकता तथा धार्मिकता की जो लहर उठेगी, वह सारे विश्व में छा जायेगी।’’
  3. विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता प्रो. हरार ने इस विषय में विस्तार से भविष्यवाणी की है कि ‘‘भारत में एक ऐसा व्यक्ति पैदा हो चुका है, जो आने वाले समय में विश्व का मार्गदर्शक होगा। वह व्यक्ति ब्राह्मण होगा तथा उसका वर्ण गोरा होगा। वह व्यक्ति पूजा-पाठ, यज्ञ आदि में प्रवीण होगा। उसका साधनात्मक विकास सन् 1970 के बाद शुरू होना चाहिये।’’
  4. फ्रांसीसी लेखक एवं विश्वप्रसिद्ध भविष्यवक्ता डाॅ. जूलबर्न ने जो भविष्यवाणी की है, वह इस प्रकार हैः ‘‘भारत में ही किसी व्यक्ति का अभ्युदय होगा, जो संपूर्ण विश्व को शांति का पाठ पढ़ायेगा। भारतवर्ष में ऐसे व्यक्ति का जन्म सन 1962 के पहले ही हो चुका है, जो विश्व का आध्यात्मिक मार्गदर्शक होगा।‘‘
  5. श्रीमती आयरिन ह्यूजेज, जो अंतर्दृष्टिप्राप्त अद्भुत महिला हैं, ने भविष्यवाणी की है कि ‘‘ईश्वरीय चेतना का जन्म भारत में हो चुका है। वह भारत को शांति का संदेश देगा।‘‘
  6. डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी, जो ज्योतिष का ज्ञान रखते थे, ने भविष्यवाणी की है कि ‘‘ईश्वरीय चेतना का जन्म भारत में हो चुका है। वह भारत को शांति का संदेश देगा।‘‘
  7. विश्व के महान् भविष्यवक्ता नास्त्रेदामस, सबसे अधिक सफल भविष्यवक्ता रहे हैं। उन्होंने सबसे अधिक भविष्यवाणियां की हैं, व तीन हजार वर्ष आगे तक की भविष्यवाणियां भी की हैं। उनका जन्म सन् 1503 में फ्रांस के सैंटरेम डी प्रावेन्स नामक स्थान में हुआ था। उन्होंने भारत में वर्तमान समय के युग चेतना पुरुष के जन्म आदि के विषय में विस्तार से अलग-अलग भविष्यवाणियों में लिखा है कि
    ‘‘भारत की पांच नदियों के प्रख्यात पवित्र प्रांत में एक महापुरुष का जन्म होगा, जो राष्ट्रनायक बनेगा। उसके नाम में ‘‘बरन‘‘ शब्द जुड़ा होगा। वह शत्रुओं के उन्मादों को आध्यात्मिक शक्तियों के बल पर समाप्त करेगा। वह दिव्यशक्तिसंपन्न महापुरुष होगा। वह बृहस्पतिवार (गुरुवार) को महत्त्वपूर्ण दिन घोषित करेगा। उसकी प्रसिद्धि व शक्ति बढ़ती जायेगी और उसके समान शक्तिवान् कोई न होगा। उसका जन्म लगभग 1960 के आसपास होना चाहिये।‘‘
  8. महान् भविष्यवक्ता कीरो ने अपनी भविष्यवाणी में भारत के विषय में प्रमुखता से लिखा है कि ‘‘भारत का सूर्य बलवान् है एवं कुंभ राशि में है। इसलिये भारत की प्रगति को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। यहीं पर एक चेतना पुरुष का जन्म होगा, जिसकी आध्यात्मिक क्षमता, समस्त विश्व की भौतिक क्षमता से कई गुना ज्यादा होगी। वह गुरु-शिष्य परम्परा का पालन करेगा। उसके अनुयायी हर धर्म, जाति व सम्प्रदाय के होंगे।’’

नोट – प्रश्न यह उठता है कि अगर भारत का सूर्य बलवान् है और इसलिये भारत की प्रगति को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है, तो जो युग चेतना भारत में जन्म ले रही है, क्या उसका सूर्य बलवान् नहीं होगा ?

इसके अतिरिक्त, अन्य अनेक भविष्यवक्ताओं की अनेक भविष्यवाणियां हैं, जिनका सारांश निम्न है: ‘‘भारत में एक ऐसी दिव्यात्मा ने जन्म ले लिया है, जो आगे चलकर सत्य-अहिंसा का पाठ पढ़ायेगा। वह अध्यात्म की नई ज्योति प्रदान करेगा। वह सन् 1995 तक जनता के सामने उभरकर आ जायेगा। लोग उस चेतना की ओर आकर्षित होना शुरू हो जायेंगे और उसके आध्यात्मिक चिन्तन के सामने सभी आध्यात्मिक चिन्तन फीके पड़ जायेंगे। वह शक्ति का उपासक होगा। उसके साधनात्मक नाम का प्रथम अक्षर ‘‘श‘‘ होगा। वह सभी धर्मों का सहयोग प्राप्त करेगा और सभी जातियों के लोग उसके साथ होंगे। वह यज्ञ कार्य में विशेष दक्ष होगा और अपने साधनात्मक बल के द्वारा लोगों की भयानक विनाश से रक्षा करेगा।

भविष्यवाणियों की प्रामाणिकता

उपर्युक्त भविष्यवाणियों के सभी तथ्य ’’परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज’’ से मेल खाते हैं, जैसे- योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज का जन्म एक गांव के किसान ब्राह्मण परिवार में हुआ है। उनका घर का नाम श्री ‘रामबरन शुक्ल’ है, जिसमें भविष्यवाणियों के अनुसार ‘‘बरन‘‘ शब्द जुड़ा है। उनका जन्म पांच नदियों के पवित्र प्रान्त उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के भदवा नामक ग्राम में सन् 1960 में हुआ है। वे सन 1970 के बाद सतत साधनात्मक क्रियाओं में लीन हैं। उनका साधनात्मक नाम ‘‘शक्तिपुत्र‘‘ है, जिसमें भविष्यवाणियों के अनुसार ‘‘श‘‘ अक्षर जुड़ा है। उनका वर्ण गोरा है तथा वर्तमान में गृहस्थ में वे ही संन्यास वेश धारण करके जनकल्याणकारी कार्यों में लगे हैं। उनका सूर्य निश्चय ही बलवान् है, क्योंकि इनके दाहिने हाथ में सूर्य योग पूर्ण रूप से स्पष्ट देखा जा सकता है, यहाँ तक कि उनके हाथों एवं पूरे शरीर में विशिष्ट सोलह योग देखे जा सकते हैं, जिनका शरीर में होना ही ’’युग चेतना पुरुष’’ (अवतार) की निशानी है। वे यज्ञ कार्य में पूर्ण दक्ष हैं। उन्होंने माता जगत् जननी भगवती दुर्गा जी की कठिनतम साधनाएं सम्पन्न करके, माता को प्रत्यक्ष उपस्थित किया और उनसे समाज के लिए 108 महाशक्तियज्ञ सम्पन्न करने का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन यज्ञों को सम्पन्न करने की क्षमता वर्तमान में किसी के पास नहीं है।

उनके द्वारा मात्र कुछ ही वर्षों में समाज के बीच अनेकों घटनाचक्रों को अपने अनुरूप बदलकर अपनी साधनात्मक क्षमता के प्रमाण दिये जा चुके हैं। अब तक उनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। अनेक लोगों को उन्होंने जीवनदान दिया है। हजारों लोगों के असाध्य रोगों को डाक्टरों के सामने अपने साधनात्मक बल एवं आशीर्वाद से चेलैन्ज के साथ ठीक किया है। अनेकों मानसिक रोगी, उनके आशीर्वाद से ठीक हुए हैं। उनके द्वारा की गयी सैकड़ों भविष्यवाणियां अक्षरशः सत्य सिद्ध हुई हैं। योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने जन-जन के कल्याण के लिए ही अपने इस जीवन को समाज के लिए समर्पित किया है। अब तक करोड़ों लोगों ने आपसे चिन्तन प्राप्त करके अपने अवगुणों को छोड़ा है और आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए कदम बढ़ाया है।

आपके दिशा निर्देशन में भगवती मानव कल्याण संगठन के लाखों सक्रिय कार्यकर्ताओं द्वारा देश के कई प्रान्तों के जिलों तथा तहसीलों में सतत 24-24 घण्टे व 5-5 घण्टे के अखण्ड श्री दुर्गा चालीसा पाठ, सभी जाति धर्म व सम्प्रदाय के लोगों के यहां सम्पन्न कराये गये एवं सतत कराये जा रहे हैं। साथ ही माता भगवती श्री दुर्गा जी की आरती के अनगिनत सामूहिक क्रम कराये जा रहे हैं तथा आत्मजागरण की क्रियायें सिखाई जा रही हैं। श्री गुरुदेव जी महाराज ने बहुत पहले ही गुरुवार को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ व्रत के रूप में महत्त्वपूर्ण दिन घोषित कर दिया था।

जय माता की - जय गुरुवर की

यूट्यूब चैनल

BMKS

Siddhashram Dham

Bhajan Sandhya Siddhashram

BSCP

फेसबुक

Twitter

मौसम

India
broken clouds
31.5 ° C
31.5 °
31.5 °
38 %
2.6kmh
60 %
Sun
40 °
Mon
40 °
Tue
41 °
Wed
41 °
Thu
36 °